गोपाल कृष्ण गोखले की जीवनी, गोपाल कृष्ण गोखले की बायोग्राफी, गोपाल कृष्ण गोखले का करियर, गोपाल कृष्ण गोखले मृत्यु, Krishna Gokhale Ki Jivani, Krishna Gokhale Biography In Hindi, Krishna Gokhale Career, Krishna Gokhale Death
गोपाल कृष्ण गोखले की जीवनी
जैसा कि हम सब जानते है कि हमारा देश भारत लगभग 200 वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में बंधा रहा. देश को आजादी दिलाने के लिए ना जानें कितने ही लोगों ने अपनी कुर्बानी दे दी. कितनो को तो हम सब जानते है और कितनों को नही ऐसे ही एक स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले के बारें में आज हम आपको बताने जा रहे है. गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के मार्गदर्शकों में से एक थे. वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे. गांधीजी उन्हें अपना राजनैतिक गुरु मानते थे. राजनैतिक नेता होने के आलावा वह एक समाज सुधारक भी थे. उन्होंने एक संस्था सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना की जो आम लोगों के हितों के लिए समर्पित थी. देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में गोपाल कृष्ण गोखले का योगदान अमूल्य है.
पूरा नाम: – गोपाल कृष्ण गोखले
जन्म: – 9 मई 1866
जन्म स्थान: – कोथलुक, जिला रत्नागिरी, भारत
मृत्यु: – 19 फरवरी 1915
पद/कार्य: – प्रोफ़ेसर और राजनीतिज्ञ
गोपाल कृष्ण गोखले का प्रारंभिक जीवन
आपको बता दें कि गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 को महाराष्ट्र के कोथापुर में हुआ था. उनके पिता जी कृष्ण राव एक किसान थे पर चूँकि क्षेत्र की मिट्टी कृषि के लिए अनुकूल नहीं थी इस कारण क्लर्क का काम करने पर मजबूर हो गए. उनकी माता वालूबाई एक साधारण महिला थीं. गोखले ने अपने बड़े भाई द्वारा आर्थिक सहायता से कोथापुर के राजाराम हाई स्कूल में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की. बाद में वह मुंबई चले गए और 1884 में 18 साल की उम्र में मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
गोपाल कृष्ण गोखले की शिक्षा
गोपाल कृष्ण उस समय के किसी भी भारतीय द्वारा पहली बार कॉलेज की शिक्षा प्राप्त करने वाले चंद लोगों में से एक थे. उन्हें नवोदित भारतीय बौद्धिक समुदाय और पूरे भारत वर्ष में व्यापक रूप से सम्मानित किया गया. गोखले शिक्षा के महत्त्व को भली-भांति समझते थे. उनको अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान था जिसके कारण वो बिना किसी हिचकिचाहट और अत्यंत स्पष्टता के साथ अपने आप को अभिव्यक्त कर पाते थे. इतिहास के ज्ञान और उसकी समझ ने उन्हें स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली को समझने और उसके महत्व को जानने में मदद की स्नातक की पढाई के बाद वह अध्यपान की ओर बढ़े और पुणे के न्यू इंग्लिश स्कूल में सहायक शिक्षक का कार्य करने लगे. वर्ष 1885 में गोखले पुणे चले गए और डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के अपने सहयोगियों के साथ फर्ग्यूसन कॉलेज के संस्थापक सदस्यों में शामिल हुए. गोपाल कृष्ण गोखले ने फर्ग्यूसन कॉलेज को अपने जीवन के करीब दो दशक दिए और कॉलेज के प्रधानाचार्य बने. इस दौरान वो महादेव गोविन्द रानाडे के संपर्क में आये. रानाडे एक न्यायाधीश, विद्द्वान और समाज सुधारक थे जिन्हे गोखले ने अपना गुरु बना लिया. गोखले ने पूना सार्वजनिक सभा में रानाडे के साथ काम किया और उसके सचिव बन गए.
गोपाल कृष्ण गोखले ने 1886 में 20 साल की उम्र में सामाजिक जीवन में प्रवेश किया. उन्होंने ब्रिटिश शासन के अधीन भारत पर एक सार्वजनिक भाषण दिया जिसकी बहुत सराहना हुई. गोखले ने बाल गंगाधर तिलक की साप्ताहिक पत्रिका मराठा के लिए नियमित रूप से लेख लिखे. अपने लेख के माध्यम से उन्होंने लोगों के अन्दर छिपी हुई देशभक्ति को जगाने की कोशिश की. जल्द ही गोखले डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के सचिव के रूप में पदोन्नत किये गए. वर्ष 1894 में जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूना में अपने सत्र का आयोजन किया तब उन्हें स्वागत समिति का सचिव बनाया गया. इस सत्र के कारण गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण सदस्य बन गए. गोखले पुणे नगरपालिका के दो बार अध्यक्ष चुने गए. कुछ दिनों के लिए गोखले बंबई विधान परिषद के एक सदस्य भी रहे जहाँ उन्होंने सरकार के खिलाफ अपनी बात रखी.
वर्ष 1892 में गोखले ने फरग्यूसन कॉलेज छोड़ दिया. वह दिल्ली में इम्पीरियल विधान परिषद के सदस्य बने जहाँ वह देशवाशियों के हित के लिए अपनी बात रखी. गोखले को हमारे देश की आर्थिक समस्याओं की अच्छी समझ थी जिसे उन्होंने बहस के दौरान काफी चतुरता से प्रस्तुत किया. गोखले ने 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी नामक एक नई समिति की शुरुआत की. इस समिति ने कार्यकर्ताओं को देश की सेवा के लिए प्रशिक्षित किया. उसी वर्ष गोखले ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतियों पर किये जा रहे अनुचित व्यव्हार के सम्बन्ध में अपने विचार प्रकट करने इंग्लैंड चले गए. 49 दिनों के अंतराल में उन्होंने 47 विभिन्न सभाओं को सम्बोधित कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. गोखले ने भारत में मूलभूत रूप से स्वराज या स्वशासन पाने के लिए नियमित सुधार की वकालत की. उन्होंने 1909 के मोर्ले मिंटो सुधारों के प्रस्तुतीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो अंत में एक कानून बन गया. हालाँकि इन सुधारों ने भारत में सांप्रदायिक विभाजन का बीज बोया फिर भी उन्होंने सरकार के भीतर सबसे अधिक अधिकार वाली सीटों पर भारतीय पहुँच का अधिकार दे दिया और जिस वजह से उनकी आवाज सार्वजनिक हितों के मामले में और अधिक सुनी जाने लगी.
गोपाल कृष्ण गोखले की निम्नलिखित शिक्षण संस्थानों और अन्य स्थान
1- गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ़ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स इन पुणे,
2- गोखले मेमोरियल गर्ल्स कॉलेज इन कोलकाता,
3- गोखले हॉल इन चेन्नई,
4- गोखले सेंटेनरी कॉलेज इन अंकोला,
5- गोपाल कृष्ण गोखले कॉलेज इन कोल्हापुर,
6- गोखले रोड इन मुंबई,
7- गोखले रोड इन पुणे,
8- गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ़ पब्लिक अफेयर्स इन बंगलोर,
9- गोखले होस्टल ऑफ़ मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय इन भोपाल.
इन सभी के अलावा गोखले एजुकेशनल सोसाइटी 50 से ज्यादा शिक्षण संस्थान चला रही हैं, जो मुंबई, नासिक, कोंकण, आदि स्थानों पर स्थित हैं. इन सबसे बढ़कर हम उनके कार्यों के लिए वर्ष 2015 – 2016 को गोखले की 150वीं जयंती [birth anniversary] के रूप में मना रहे हैं.
गोपाल कृष्ण गोखले के प्रमुख 6 अर्थशास्त्र संबंधी विचार
जैसा कि एक गोखले विद्वान और शिक्षित थे. साथ ही साथ वे गणित के उत्तम प्रोफ़ेसर भी थे. उनका रुझान देश की अर्थव्यवस्था की ओर भी रहा, इसलिए उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और इसके विकास के लिए कुछ क्षेत्रों के लिए अपने कुछ आईडिया दिए थे, जो निम्नानुसार हैं.
1- इंडियन फाइनेंस,
2- डीसेंट्रलाइजेशन ऑफ़ पॉवर,
3- लैंड रेवेन्यु,
4- पब्लिक एक्सपांडीचर,
5- एजुकेशन,
6- ट्रेड
गोपाल कृष्ण गोखले की उपलब्धियां
महात्मा गांधी के राजनैतिक गुरु, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के मार्ग दर्शकों में से एक, सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी के संस्थापक.
गोपाल कृष्ण गोखले की मृत्यु
गोपाल कृष्ण गोखले मधुमेह और दमा के मरीज थे और अत्यधिक बोलने से गोखले के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा और अंत में 19 फरवरी 1915 को उनकी मृत्यु हो गई.
ये भी पढ़े –
- विवेकानंद की जीवनी, स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, स्वामी विवेकानंद की बायोग्राफी, Swami Vivekananda In Hindi, Swami Vivekananda Ki Jivani
- शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani
- महात्मा गांधी की जीवनी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, महात्मा गांधी की बायोग्राफी, महात्मा गांधी के बारे में, Mahatma Gandhi Ki Jivani
- डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जीवनी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन परिचय हिंदी में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार, Dr. B.R. Ambedkar Biography In Hindi
- सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी, सुभाष चंद्र बोस की जीवनी कहानी , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बायोग्राफी, सुभाष चन्द्र बोस का राजनीतिक जीवन, आजाद हिंद फौज का गठन
- महादेवी वर्मा की जीवनी , महादेवी वर्मा की बायोग्राफी, महादेवी वर्मा की शिक्षा, महादेवी वर्मा का विवाह, Mahadevi Verma Ki Jivani
- तानसेन की जीवनी , तानसेन की बायोग्राफी, तानसेन का करियर, तानसेन का विवाह, तानसेन की शिक्षा, Tansen Ki Jivani, Tansen Biography In Hindi
- वॉरेन बफे की जीवनी, वॉरेन बफे की बायोग्राफी, वॉरेन बफे का करियर, वॉरेन बफे की पुस्तकें, वॉरेन बफे के निवेश नियम, Warren Buffet Ki Jivani, Warren Buffet Biography In Hindi
- हरिवंश राय बच्चन की जीवनी, हरिवंश राय बच्चन की बायोग्राफी, हरिवंश राय बच्चन की कविताएं, हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं, Harivansh Rai Bachchan Ki Jivani
- रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी , रामधारी सिंह दिनकर की बायोग्राफी, रामधारी सिंह दिनकर के पुरस्कार, रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएं, Ramdhari Singh Dinkar Ki Jivani
- मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi
- अरविन्द घोष की जीवनी, अरविन्द घोष की बायोग्राफी, अरविन्द घोष का करियर, अरविन्द घोष की मृत्यु, Arvind Ghosh Ki Jivani, Arvind Ghosh Biography In Hindi
- सम्राट अशोक की जीवनी, सम्राट अशोक की बायोग्राफी, सम्राट अशोक का शासनकाल, सम्राट अशोक की मृत्यु, Ashoka Samrat Ki Jivani, Ashoka Samrat Biography In Hindi
- मिल्खा सिंह की जीवनी, मिल्खा सिंह की बायोग्राफी, मिल्खा सिंह का करियर, मिल्खा सिंह का विवाह, मिल्खा सिंह के पुरस्कार, Milkha Singh Ki Jivani, Milkha Singh Biography In Hindi
- अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी, अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं, अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, Atal Bihari Vajpayee, Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi