Biography of Arnav Goswami

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अर्णव गोस्वामी की जीवनी
टीवी पर समाचार तो हम सभी देखते ही है उन्हीं समाचार चैनलों में एक चैनल रिपब्लिक भारत भी है जिसके प्रधान संपादक के पद पर अर्णव गोस्वामी पदस्थ है साथ ही वे न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष भी है. आज इस लेख में हम आपको उन्हीं के बारें में बताने जा रहे है. अर्णव गोस्वामी अपने बेबाक इंटरव्यू और कमेंट्स के लिए बेहद प्रसिद्ध है. पत्रकारिता से जुड़े होने के बावजूद, उनका नाम भारत में बहुत फेमस है और नेता से लेकर अभिनेता तक सभी इनके शो में जाकर अपना इंटरव्यू देना पसंद करते है. आज हम उनके जीवन के कुछ जाने और अनजाने तथ्यों के बारे में यहां आपको बताने जा रहे हैं.

नाम – अर्णव गोस्वामी
जन्म – 9 अक्टूबर 1973 (उम्र 47 वर्ष)
जन्म स्थान – गुवाहाटी, असम, भारत
राष्ट्रीयता – भारतीय
स्कूल – माउंट सेंट मैरी स्कूल, दिल्ली छावनी
केन्द्रीय विद्यालय, जबलपुर छावनी
विश्वविद्यालय – हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय, इंग्लैंड
शैक्षिक योग्यता – समाजशास्त्र में स्नातक सामाजिक मानव विज्ञान में परास्नातक
शौक – पुस्तकें पढ़ना और लिखना
व्यवसाय – पत्रकार / समाचार एंकर और मुख्य संपादक

अर्णव गोस्वामी का प्रारंभिक जीवन
सन 1995 में पत्रकारिता को अपने करियर के रूप में चुनने वाले अर्णव गोस्वामी का जन्म असम के गुवाहाटी में हुआ था. वे अपने माता-पिता के साथ गुवाहाटी में ही रहते थे. गोस्वामी के पिता भारतीय सेना में देश के लिए सेवा कर चुके हैं जो बाद में भारत की राजनीतिक पार्टी बीजेपी में सम्मिलित हो गए. उनकी मां सुप्रभात गेम स्वामी एक लेखिका है. अर्णव गोस्वामी के परिवार के बहुत सारे सदस्य अच्छे पदों पर आसीन रह चुके हैं जैसे उनके दादाजी रजनीकांत गोस्वामी एक वकील के रूप में तथा उनके नाना गौरी शंकर भट्टाचार्य असम के विपक्ष नेता के सामने विधायक के रूप में कार्य कर चुके हैं.

अर्णव गोस्वामी की शिक्षा
अर्णव ने भारत के अलग-अलग स्कूलों से अपनी पढ़ाई पूरी की क्योंकि उनके पिता एक सेना में जवान थे. हालांकि दिल्ली कैंट में स्थित सेंट मैरी स्कूल से उन्होंने अपनी माध्यमिक परीक्षाएं की और बाद में जबलपुर छावनी के केंद्रीय विद्यालय में जाकर अपनी वरिष्ठ माध्यमिक पढ़ाई पूरी की. दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से उन्होंने समाजशास्त्र में बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल करने के बाद सोशल एंथ्रोपॉलजी में मास्टर डिग्री के लिए सैंट एंथोनी कॉलेज ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैंड में दाखिला लिया. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अर्णव फेलिक्स के विद्वान रह चुके हैं. कॉलेज में उन्हें एक लड़की जिसका नाम समयव्रत रे गोस्वामी था उससे प्यार हो गया जिसके बाद उन्होंने उससे शादी कर ली. अब उनका एक प्यारा सा बेटा भी है.

अर्णव गोस्वामी का पत्रकारिता करियर
1- अर्णव गोस्वामी को पत्रकारिता से बहुत ज्यादा लगाव था उन्होंने कोलकाता के इंग्लिश समाचार पेपर जिसका नाम द टेलीग्राफ के साथ काम करना प्रारंभ किया परंतु 1 साल भी वहां टेक कर काम नहीं कर पाए और दिल्ली आ गए.
2- उसके बाद उन्हें एनडीटीवी से जुड़ने का मौका मिला जिसमें उन्होंने न्यूज़ आवर की एंकरिंग से अपने करियर की शुरुआत फिर से की.
3- कुछ समय पश्चात दिल्ली मेट्रो पर प्रसारित होने वाला न्यूज़ सुना इस प्रोग्राम में भी अर्णव ने एंकरिंग शुरू की.
4- साल 2004 के दौरान अर्णव ने न्यूज़ नाइट एंकरिंग के लिए एशियाई टेलीविजन पुरस्कारों में एशिया का बेस्ट समाचार एंकर का अवार्ड अपने नाम कर लिया.
5- 2006 में उन्होंने एनडीटीवी का साथ छोड़ दिया और फिर टाइम्स नाउ न्यूज़ चैनल में प्रधान संपादक के रूप में फिर से ज्वाइन किया. इस चैनल पर उनकी मेजबानी में एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता था जिसका नाम फ्रेंकली स्पीकिंग विद अर्णव रखा गया. इस शो के दौरान उन्होंने बेनजीर भुट्टो, हामिद करजई, दलाई लामा, हिलेरी क्लिंटन, और नरेंद्र मोदी जैसे बड़े-बड़े प्रतिष्ठित हस्तियों का इंटरव्यू लिया.
6- शायद वे टाइम्स नाउ के साथ खुश नहीं थे इसलिए पत्रकारिता की स्वतंत्रता और संपादकीय मतभेदों जैसे राजनीतिक मुद्दों के चलते 1 नवंबर 2016 को उन्होंने चैनल छोड़ दिया.
7- उसके बाद वे रिपब्लिक टीवी से जुड़े जिसमें प्रबंध संपादक के तौर पर वे आज भी मौजूद हैं. वे अपने जीवन की कड़ी मेहनत और रात दिन अपने काम में दिलचस्पी दिखाते हुए आज इस मुकाम पर पहुंच पाए हैं.
8- अपनी पत्रकारिता के जरिए उन्होंने अपने बहुत से विचार लोगों के बीच उजागर किए हालांकि बहुत सारे विवादों से भी उन्हें अपने जीवन में गुजारना पड़ा.

अर्णव और रिपब्लिक टीवी
अर्णव ने बहुत सारे चैनलों के साथ जुड़ने के बाद रिपब्लिक टीवी शुरू किया जो एशिया नेट द्वारा फंडेड था जिसकी शुरुआत 6 मई 2017 को हुई. उनके इस चैनल में एशिया नेट में मुख्य रूप से राज्यसभा के तत्कालीन स्वतंत्र सदस्य जिनका नाम राजीव चंद्रशेखर था, उन्होंने निवेश किया जो फिलहाल बीजेपी पार्टी के सदस्य भी है और केरल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उपाध्यक्ष के पद पर मौजूद थे. बीजेपी में आधिकारिक रूप से शामिल होने के बाद राजीव चंद्रशेखर ने एशिया नेट के निदेशक के तौर पर इस्तीफा दे दिया. अर्णव के द्वारा शुरू किया गया टीवी न्यूज़ चैनल बहुत से विवाद के बावजूद अत्यधिक प्रसिद्ध है. एशिया में यह एक मात्र इंग्लिश न्यूज़ चैनल है जो लगातार 100 हफ़्तों तक नंबर एक की पोजीशन पर रहा है, इससे पहले किसी भी न्यूज़ चैनल ने यह मुकाम हासिल नहीं किया था.

अर्णव गोस्वामी से जुड़े विवाद
1- मई 2017 में, Bennett Coleman Co. Ltd (जो कि टाइम्स नाउ टीवी चैनल के आधिकारिक मालिक हैं) ने अर्णव के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज करवाई. इस शिकायत में अर्णव पर बौद्धिक सम्पदा अधिकार के हनन का आरोप लगाया गया.
2- रिपब्लिक टीवी के अध्यक्ष शेखर गुप्ता पर आरोप लगाते हुए लाइव टेलीविजन पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य के रूप में 20 अप्रैल 2020 को अर्णव ने कई कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया.
3- शशि थरूर ने अर्णव और रिपब्लिक टीवी पर आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी सुनंदा थरूर की मृत्यु में उनका हाथ है. इसके लिए उन्होंने हाई कोर्ट में अर्जी भी की थी.
4- साल 2020 में सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद अर्णव ने कई बार इस केस को नए एंगल के साथ अपने न्यूज़ चैनल पर दिखाया है, जिससे वो काफी विवाद में रहे है. अर्नव ने अंकिता लोखंडे के साथ इंटरव्यू करके काफी सुर्खिया बटोरी थी.

अर्णव गोस्वामी के अवार्ड
1- वर्ष 2008 में अर्णव गोस्वामी ने पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयंका अवार्ड अपने नाम किया.
2- समाचार टेलीविजन editor-in-chief के लिए अर्णव गोस्वामी को साल 2012 में एनडीए अवार्ड से नवाजा गया.
3- अर्णव को सर्वसम्मति से न्यूज ब्रॉडकास्टिंग फेडरेशन का अध्यक्ष 8 दिसंबर 2019 को चुना गया.

अर्णव गोस्वामी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
1- अर्णव का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ.
2- उन्होंने कोलकाता के प्रसिद्ध समाचार पत्र द टेलीग्राफ में एक पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की.
3- वर्ष 1995 में, वह एनडीटीवी से जुड़े और 3 वर्ष बाद वह एनडीटीवी के समाचार संपादक बन गए.
4- उन्होंने प्रसिद्ध न्यूज़ चैनल डीडी मेट्रो और स्टार न्यूज़ में राजदीप सरदेसाई के साथ एक समाचार एंकर के रूप में कार्य किया.
5- वर्ष 1998 के आम चुनाव में उनके पिता मनोरंजन गोस्वामी ने भाजपा की तरफ से गुवाहाटी क्षेत्र से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के उम्मीदवार भुवनेश्वर कलिता से हार गए.
6- उनके दादा रजनीकांत गोस्वामी एक वकील और कांग्रेस के नेता थे. जबकि उनके नाना गौरीशंकर भट्टाचार्य असम में साम्यवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता थे.
7- उनकी दादी भी राजनीति में थी.
8- उनके पिता भारतीय सेना में कार्यरत थे, जिसके चलते उनके पिता का हस्तांतरण होता रहता था और इसी कारण उनका बचपन अलग- अलग शहरों में बीता.
9- उनका सबसे पहला टीवी साक्षात्कार सोनिया गांधी का था.
10- वर्ष 2002 में, उन्होंने अपनी पहली पुस्तक Combating Terrorism : The Legal Challenge लिखी.
11- वर्ष 2004 में, उन्हें सर्वश्रेष्ठ समाचार एंकर के एशिया पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
12- वर्ष 2015 में, Bombay Stock Exchange (BSE) की 140 वीं वर्षगांठ पर अर्णव गोस्वामी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के घंटे को बजाया. ऐसा करने वाले वह पहले पत्रकार बने.
13- अर्णव गोस्वामी की लाईव न्यूज एंकरिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे बिना स्क्रिप्ट के ही कुछ ऐसे तेज-तर्रार प्रश्न पूछ लेते हैं, जिसका जवाब देने वाला सन्न रह जाता है.
14- उनकी बहन भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रही हैं.
15- अर्णव गोस्वामी की सबसे महत्वपूर्ण कवरेज (Coverage) रही है – 26/11 मुंबई बम धमाका हमला. जहां पर उन्होंने लगातार 65 घंटे तक बिना रुके एंकरिंग की थी. जोकि भारत में अब तक किसी भी पत्रकार ने नहीं की.

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