Biography of Anand Kumar

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आनन्द कुमार की जीवनी
आज हम आपको एक ऐसे गणितग्य शख्स की कहानी बताने जा रहे है जो सुपर 30 के नाम से मशहूर है. हम बात कर रहे है बिहार के रहने वाले आनंद कुमार की जो एक गणितग्य होने के साथ-साथ विभिन्न राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर की पत्रिकओं में संपादक भी है. इन सब से अलग इनकी पहचान एक संस्थान सुपर 30 के संस्थापक के रूप में भी है. यह संस्थान बिहार में इनकें द्वारा सन 2002 में शुरू किया गया था. इसका मुख्य उद्देश्य गरीब छात्रो को आईआईटी और जेईई में प्रवेश के लिए तैयारी करवाना है.

पूरा नाम Born – आनंद कुमार Anand Kumar
उपनाम – सुपर 30 मैन Super 30 man
राष्ट्रीयता Nationality – भारतीय Indian
जन्म – 1 जनवरी 1973 (उम्र 47 वर्ष)
जन्मस्थान – पटना, बिहार, भारत Patna, Bihar, India
शिक्षा Education – पटना हाई स्कूल, पटना, बिहार,
• बिहार नेशनल कॉलेज (बी एन कॉलेज) पटना, बिहार
• पटना साइंस कॉलेज Patna High School, Patna, Bihar,
• Bihar National College (BN College) Patna, Bihar
• Patna Science College
शैक्षिक योग्यता educational qualification – स्नातक graduate
काम Occupation – भारतीय गणितज्ञ, स्तंभकार Indian mathematician, columnist

पसंदीदा चीजें
पसंदीदा फिल्म निर्माता – James Cameron
पसंदीदा वैज्ञानिक – ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

आनन्द कुमार का प्रारंभिक जीवन
आपको बता दें कि आनंद कुमार का जन्म 1 जनवरी 1973 को पटना में हुआ है. आनंद कुमार के शुरूआती जीवन और शिक्षा वर्तमान से बिलकुल परे है. इनके पिता पोस्ट ऑफिस में क्लर्क थे, जो अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल का खर्चा वहन नहीं सकते थे. इसलिए इनकी शिक्षा पटना के एक सरकारी हिंदी मीडियम स्कूल में संपन्न हुई. इनकी स्कूल का नाम पटना हाई स्कूल था, पटना के लोग इस स्कूल से भली भाती परिचित होंगे. स्कूल के समय से ही इनका गणित की तरफ रूझान अधिक था और अपने ग्रेजुएशन के समय इन्होने नंबर थ्योरी पर पेपर सबमिट किये थे. जिसे मेथेमेटिकल स्पेक्ट्रम और मेथेमेटिकल गेजेट में प्रकाशित किया गया था.

आनन्द कुमार के जीवन में प्रणव कुमार की भूमिका
आनंद कुमार की तरक्की में उनके भाई प्रणव कुमार का भी विशेष योगदान रहा है. वे भी अपने भाई की तरह अपनी माँ के काम में हाथ बटाते थे. आनंद की तरह प्रणव भी पटना की गलियों में पापड़ बेचा करते थे. जहाँ आनंद कुमार अपने इंस्टीट्यूट में बच्चों को शिक्षा देते है, वहीँ दूसरी ओर उस इंस्टीट्यूट को चलाने का काम अर्थात् सारा मैनेजमेंट प्रणव कुमार देखते है.

आनंद कुमार का शुरूआती सफ़र
आनंद कुमार को अपनी प्रतिभा के चलते केंब्रिज विश्विद्यालय में पढ़ने का मौका मिला, परंतु अपने परिवार में वित्तीय संकट के चलते वे इसमे दाखिला नहीं ले पाये. इसी बीच 3 अगस्त साल 1994 में इनके पिता का निधन हो गया और पारिवारिक स्थिति और कमजोर होने लगी. इस संघर्ष के दौर में उन्हें अपनी पिता की जगह नौकरी का मौका मिला, परंतु उन्होनें इसे अस्वीकार किया. इस समय अपनी परिवार की आजीविका चलाने के लिए उनकी माँ पापड़ बनाती थी और वे और उनके भाई साइकल पर पापड़ बेचते थे. इसी के साथ वे एक्स्ट्रा इनकम के लिए अन्य छात्रो को गणित भी पढ़ाते थे, ताकि खुद का खर्चा निकल सके. इस समय पटना की लाइब्रेरी में फॉरेन की किताबे नहीं होती थी, जिसे वे पढ सके. इसलिए वे 6 घंटे का सफर करके बनारस जाते और सप्ताह के अंत के दो दिन शनिवार और रविवार अपने भाई के हॉस्टल रूम में ठहरते थे और बीएचयू की लाइब्रेरी से इन किताबो को पड़ते थे, और सोमवार सुबह फिर पटना लौट आते थे.

आनन्द कुमार का टीचिंग करियर और सुपर 30
साल 1992 से आनंद कुमार ने गणित विषय को अपने प्रोफेशन के रूप में चुना, इसके लिए उन्होंने 500 रुपय महीने का एक रूम किराये पर लिया और खुद का कोचिंग क्लास रामानुज स्कूल ऑफ़ मेथेमेटिक्स की शुरुआत की. पहले इस क्लास के केवल दो विद्यार्थी पढने के लिए आये परंतु अगले 2 वर्षो में इनकी संख्या बढ़कर 36 हो गयी और तीसरे वर्ष में लगभग 500 छात्रों ने इसमे दाखिला लिया. इसके बाद साल 2000 में एक गरीब छात्र उनके पास आया, जो आईआईटी और जेईई (IIT & JEE) की कोचिंग करना चाहता था, परंतु उसके पास ट्यूशन फीस के पैसे नहीं थे. आनंद कुमार ने इस बच्चे को पढ़ाना स्वीकार किया और उसका चयन आईआईटी (IIT) में हो गया. इससे प्रेरित होकर उन्होंने सुपर 30 की शुरुआत की.

आनन्द कुमार के सुपर 30 का प्रबंधन
साल 2002 के बाद से हर साल मई में इस कोचिंग द्वारा एक इंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है, जिसके द्वारा 30 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है. इस टेस्ट में कई विद्यार्थी भाग लेते है जिसमे से ऐसे 30 विद्यार्थियों का चयन किया जाता है, जो की कोचिंग की फीस भरने में असमर्थ हो. इस संस्थान द्वारा इन विद्यार्थियों को ट्यूशन दी जाती है, स्टडी मटेरियल दिया जाता है और साथ ही साथ उनके रहने की भी व्यवस्था की जाती है. यहा पर इन छात्रों को आईआईटी (IIT) के इंट्रेंस एग्जाम के लिए तैयार किया जाता है. इनकी माताजी जयंती देवी इन विद्यार्थियों के लिए खाना बनाती है और इनके भाई प्रणव कुमार यहाँ का मैनेजमेंट संभालते है.

साल 2003 से लेकर 2017 तक कुल 450 विद्यार्थियों में से 391 का चयन आईआईटी में हुआ है. साल 2008 से 2010 तक इस क्लास के प्रत्येक विद्यार्थी का आईआईटी और जेईई (IIT & JEE) में चयन हुआ था. आनंद कुमार को सुपर 30 के संचालन के लिए सरकार या किसी भी प्राइवेट संसथान से कोई सपोर्ट नहीं मिला है. इसका खर्चा वे उनके एक अन्य संसथान रामानुजम इंस्टिट्यूट से निकालते है. सुपर 30 की सफलता के बाद आनंद कुमार को कई स्वदेशी और विदेशी संस्थानों से ऑफर आये इसी के साथ सरकार ने भी उन्हें इसमे वित्तीय मदत के लिए ऑफर किया, परंतु उन्होंने इनमे से किसी को भी स्वीकार नहीं किया. वे सुपर 30 को अपने खुद के प्रयत्नों से चलाना चाहते है.

साल 2008-10 में इस संस्थान ने 30/30 का रिजल्ट दिया और इसके बाद साल 2011 में 30 में से 24, साल 2012 में 27, साल 2013 में 28, साल 2014 में 27, साल 2015 में 25, साल 2016 में 28 और पिछले साल 2017 में पुनः 30 विद्यार्थियों ने आईआईटी और जेईई में प्रवेश लेकर आनंद कुमार के प्रयासों को सफल किया. इस कोचिंग के लिए आनंद कुमार किसी भी तरह का डोनेशन स्वीकार नहीं करते, बल्कि वे इसके लिए पटना में इवनिंग क्लास चलाते है.

आनंद कुमार और उनके संस्थान
कुमार के जीवन में ऐसे कई मौके आये जिससे इन्हें पहचान मिली उन्ही में से कुछ हम आपको बताने जा रहें है.
1- आनंद कुमार को सबसे बड़ा राष्ट्रीय अवार्ड राष्ट्रीय बाल कल्याण अवार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के द्वारा दिया गया है.
2- साल 2009 में डिस्कवरी पर आनंद कुमार और उनके संस्थान के बारे में एक घंटे के एपिसोड दिखाया गया था, और द न्यू यॉर्क टाइम्स में इन्हें आधे पेज का कवरेज मिला था. जिससे उन्हें पहचान मिली.
3- इसके बाद मिस जापान नोरिका फुजिवारा की फॉर्मर और एक्ट्रेस ने पटना में इनसे मुलाकात कर इनपर एक डाक्यूमेंट्री बनाने की इच्छा व्यक्त की थी. इसके बाद बीबीसी द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम में भी कुमार को कवरेज मिला था. जिससे जनता के बीच इनकी पहचान बड़ी थी.
4- इसके बाद उन्हें अपने एक्सपीरियंस को विभिन्न संस्थानों जैसे आईआईटी इंस्टिट्यूट, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्रिटिश कोलंबिया, टोक्यो यूनिवर्सिटी, स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी आदि में शेयर करने का मौका मिला, जिससे उनकी पहचान का दायरा बढ़ा.
5- गरीब छात्रों की मदद करने और उन्हें आईआईटी जैसे संस्थानों में प्रवेश दिलाने के लिए आनंद कुमार का नाम लिमका बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में शामिल किया गया है.
6- इसके बाद टाइम मैगज़ीन द्वारा उनके इंस्टिट्यूट सुपर 30 को बेस्ट ऑफ़ एशिया 2010 में शामिल किया गया और यह एक बहुत बढ़ा सम्मान था.
7- साल 2010 में इंस्टिट्यूट ऑफ़ रिसर्च एंड डॉक्यूमेंटेशन इन सोशल साइंस द्वारा आनंद कुमार को एस. रामानुजन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
8- आनंद कुमार के इस इंस्टिट्यूट को सयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूत रषद हुसैन से भी प्रशंसा मिली, उन्होंने इसे देश के बेस्ट इंस्टिट्यूट का दर्जा दिया है.
9- न्यूज़वीक मैगज़ीन में भी आनंद कुमार और उनके सुपर 30 इंस्टिट्यूट को जगह मिली, इसी के साथ उनके इंस्टिट्यूट को विश्व के 4 मोस्ट इनोवेटिव स्कूल की श्रेणी में शामिल किया गया.
10- इसके अलावा साल 2010 में आनंद कुमार को बिहार का सर्वश्रेष्ट सम्मान मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार दिया गया है. इसके अलावा इसी साल उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा बैंगलोर में प्रोफेसर यशवंत केलकर युवा पुरस्कार अवार्ड भी दिया गया है.
11- इनका नाम सयुक्त राष्ट्र की मैगज़ीन मोनोकले द्वारा विश्व के 20 अग्रणी शिक्षको की सूचि में शामिल किया गया है. इसके अलावा ब्रिटिश कोलंबिया, कनाडा आदि की सरकारों द्वारा भी इनका सम्मान किया गया है .
12- इसके अलावा बैंक ऑफ़ बड़ोदा मुंबई द्वारा इन्हें बड़ोदा सन लाइफ अचिवेमेंट अवार्ड भी दिया गया है. इसके अलावा इन्हें राजकोट में आयोजित आठवे नेशनल मैथमेटिक्स कन्वेंशन कार्यक्रम में रामानुजन मैथमेटिक्स अवार्ड्स से सम्मानित किया गया.
13- इन्हें कोयम्बटूर में कर्पगम यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ साइंस की उपाधि से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा इन्हें मध्य प्रदेश में महर्षि वेदव्यास अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था.

आनंद कुमार कौन बनेगा करोडपति
सुपरस्टार अमिताभ बच्चन जी के प्रसिद्ध शो कौन बनेगा करोडपति में आनंद कुमार जी को साल 2017 में 2 सितम्बर को विशेष अतिथि के रूप में एक विशेष एपिसोड के लिए आमंत्रित किया गया था. जिसमें वे अपने ही इंस्टिट्यूट से पास हुए अनुप कुमार के साथ पहुंचे थे, जो एक बड़ी कंपनी में कार्यरत है. गुरु शिष्य की इस जोड़ी ने 25 लाख रूपए की राशी जीती थी. इस राशी को आनंद कुमार अपने सुपर 30 इंस्टीट्यूट के कार्य में ही खर्च करेंगें.

आनंद कुमार के जीवन पर बनी फिल्म सुपर 30
सन 2011 में आई फिल्म आरक्षण में अमिताभ बच्चन ने एक प्रिंसिपल का रोल निभाया था, इस रोल को सही ढंग से समझने और रोल में ढलने के लिए डायरेक्टर प्रकाश झा ने आनंद कुमार की मदद ली थी. तभी ये आनंद कुमार बॉलीवुड के निर्माता निर्देशक की नजर में आ गए थे, और बॉलीवुड के कई निर्माता और निर्देशक आनंद कुमार के जीवन पर फिल्म बनाने की इच्छा जता रहे थे.

अब फाइनली डायरेक्टर विकास बहल द्वारा आनंद कुमार के जीवन पर बायोपिक बनाने की घोषणा की जा चुकी है. इस फिल्म का नाम सुपर-30 है जो 2019 में रिलीस होगी. अब तक प्राप्त खबरों के मुताबिक इस फिल्म में आनंद कुमार का किरदार अभिनेता रितिक रोशन द्वारा निभाया जा रहा है . और इनके स्टूडेंट के रोल के लिए कास्टिंग के लिए जिम्मेदारी निर्देशक मुकेश कुमार अब भी प्रयत्न कर रहें है. अब तक इसके लिए 15 से 17 वर्ष के लगभग 15000 बच्चों के टेस्ट लिए जा चुके है, और इनमे से कुछ को शार्टलिस्ट कर उनकी ट्रेनिंग जारी है. इस फिल्म की शूटिंग का कुछ पार्ट बनारस के रामनगर किले एवं पटना के कुछ हिस्सों पर कुछ दिनों पहले शूट किया गया है. लेकिन अत्यंत गर्मी और प्रशंशकों की भारी भीड़ को देखते हुए बिहार का एक बड़ा सेट मुंबई में ही बनाया गया है. ये सेट पूरा एयर कंडीशनर होगा, जहाँ आम जनता का आना जाना मना होगा.

हमारे देश में एक फिल्म स्टार, एक उद्योगपति या अन्य किसी शक्सियत को सफलता आसानी से मिल जाती है. परंतु एक शिक्षक का अपने प्रयासों द्वारा इस मुकाम पर पहुचना वाकई प्रशंसा का विषय है .इस फिल्म के बाद हर व्यक्ति ऐसी शक्सियत से रूबरू हो पायेगा जिसने सैकड़ो छात्रों का भविष्य बना दिया. आशा करते है की इनके जीवन पर आधारित फिल्म जल्द ही संपन्न होगी और इसे खूब सफलता मिलेगी.

आनंद कुमार से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
1- बचपन से ही वह एक गणितज्ञ बनना चाहते थे और गणित के क्षेत्र में कुछ नया करने चाहते थे.
2- आनंद ने हिंदी माध्यम के राजकीय स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जहां उनका अधिक झुकाव गणित संकाय में हुआ.
3- कैम्ब्रिज और शेफील्ड विश्वविद्यालय से उन्हें अध्ययन करने की पेशकश मिली, लेकिन उसी समय उनके पिता का देहांत हो गया था और यही- नहीं वित्तीय स्थिति कमजोर होने के कारण वह वहां अध्ययन नहीं कर सके.
4- आर्थिक स्थित से निजात पाने के लिए आनंद की मां ने घर का बना आनंद पापड़ बेचना शुरू किया. जिसमें आनंद कॉलेज से आने के बाद अपनी माँ की सहायता करते थे.
5- अपने पिता के निधन के बाद, उन्हें डाक विभाग से नौकरी की पेशकश की गई, जहां उनके पिता एक क्लर्क थे. हालांकि, उन्होंने प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और इसकी जगह रामानुजन स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स के बैनर के अंतर्गत छात्रों को गणित पढ़ाना शुरू कर दिया.
6- विदेशी प्रकाशकों के द्वारा रचित गणित की कुछ पत्रिकाओं को पढ़ने के लिए वह शुक्रवार को वाराणसी स्थित केंद्रीय पुस्तकालय, बीएचयू में जाते थे और सोमवार सुबह घर वापस आते थे; क्योंकि उस समय गणित की कुछ प्रतियाँ पटना विश्वविद्यालय में उपलब्ध नहीं थी.
7- अपने स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान, उन्होंने सांख्यिकी सिद्धांत पर एक सिद्धांत The Mathematical Gazette and Mathematical Spectrum प्रकाशित किया.
8- वर्ष 1992 में, आनंद ने एक महीने के लिए ₹500 प्रतिमाह में कक्षा को किराए पर लिया. जिसके बाद उन्होंने रामानुजन स्कूल ऑफ मैथमैटिक्स से अपना एक संस्थान शुरू किया. शुरुआत में संस्थान में छात्रों की संख्या 2 थी, लेकिन तीन वर्षों में छात्रों में 500 हो गई थी.
9- वर्ष 2000 के आरंभ में, वित्तीय रूप से कमजोर छात्रों ने आईआईटी-जेईई की कोचिंग के लिए उनसे संपर्क किया. जो सालाना 4000 ट्यूशन फीस नहीं दे सकते थे. इसी से आनंद को सुपर -30 का विचार आया, जो वर्तमान में एक संस्थान है.
10- वर्ष 2002 में, सुपर-30 अस्तित्व में आया. रामानुजन स्कूल प्रति वर्ष एक प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करता है, जिसमें वह सुपर – 30 के लिए 30 गरीब छात्रों का चयन करता है. जहां छात्रों को एक वर्ष के लिए मुफ्त शिक्षा, अध्ययन सामग्री, भोजन और रहने की जगह मिलती है. उनकी मां छात्रों के लिए भोजन तैयार करती है और भाई प्रबंधन की देखभाल करता है.
11- मार्च 2009 में, सुपर 30 पर एक घंटे का कार्यक्रम डिस्कवरी चैनल द्वारा प्रसारित किया गया था.
12- आनंद कुमार को बीबीसी द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों में भी शामिल किया गया है.
13- वंचित लोगों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करने के लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (2009) में दर्ज़ किया गया.
14- वर्ष 2010 में, बिहार सरकार ने उन्हें शीर्ष पुरस्कार- मौलाना अबुल कलाम आजाद शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित किया. उसी वर्ष, टाइम पत्रिका ने सर्वश्रेष्ठ एशिया की सूची में सुपर 30 को शामिल किया.
15- संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के विशेष राजदूत रशद हुसैन ने सुपर 30 को देश में सर्वश्रेष्ठ संस्थान कहा था.
16- वर्ष 2011 में, बॉलीवुड फिल्म निर्माता प्रकाश झा द्वारा निर्मित फिल्म आरक्षण अमिताभ बच्चन की भूमिका आनंद कुमार और सुपर 30 से प्रेरित थी.
17- वर्ष 2017 में, वह बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन द्वारा आयोजित लोकप्रिय भारतीय क्विज़ शो, कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) पर आए.
18- अल जज़ीरा ने आनंद कुमार और उनके सुपर 30 कोचिंग सेंटर पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है.
19- गरीब छात्रों की उपलब्धियों के कारण कार्पगम विश्वविद्यालय ने उन्हें दिसंबर 2014 में मानद डॉक्टरेट ऑफ साइंस (डीएससी) की उपाधि से सम्मानित किया.
20- सुपर 30 के पहले बैच में 18 छात्रों को आईआईटी जेईई परीक्षा, 2 बैच 22 छात्रों, तीसरे बैच 26 छात्रों, चौथे बैच 28 छात्रों, 5 वें बैच के फिर से 28 छात्र उत्तीर्ण हुए. इसके साथ-साथ सभी 30 छात्रों ने आईआईटी जेईई परीक्षा क्वालीफाई की.

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