History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi

ब्रा का इतिहास, औरतों को कब और कैसे पहनाई गई ब्रा, ब्रा का फुल फॉर्म क्या है, History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi, History of Bras, Bra Full form In Hindi

ब्रा का इतिहास, औरतों को कब और कैसे पहनाई गई ब्रा, ब्रा का फुल फॉर्म क्या है, History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi, History of Bras, Bra Full form In Hindi

What is Meaning of Bra – Bra Full form In Hindi – दुनिया में हर चीज़ कभी न कभी शुरू हुई होगी. और हर चीज़ के पीछे कोई न कोई कहानी भी जरूर होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं की लडकियों की ब्रा की या History है. शायद ही कोई होगा जो इस बात का सही उत्तर दे पाए. लेकिन आज हम आपको इस सच्चाई से रु ब रु भी करवाएंगे और ये भी बताएँगे की इसका इतिहास कहां से शुरू हुआ. History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi

Bra Full form In Hindi
स्त्रियों द्वारा ब्लाउज़ के नीचे पहना जाने वाला एक अंतःवस्त्र।
Full Form Hindi- Bra , Brassiere का संझिप्त रूप है।  एक फॉर्म-फिटिंग अंडरगारमेंट है जिसे पहनने वाले के स्तनों को सहारा देने या कवर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
तो आइये जानतें हैं तो ब्रा है क्या?, कहाँ से आई, क्यों आई ये एक सवाल है जो कई समय से दिमाग में घूमता रहता है.

लेकिन ब्रा पहनने का चलन शुरू कैसे हुआ
1- बीबीसी कल्चर में छपे एक लेख के मुताबिक़ ब्रा फ़्रेंच शब्द Brassiere का छोटा रूप है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है, शरीर का ऊपरी हिस्सा।
2- पहली मॉडर्न ब्रा भी फ़्रांस में ही बनी थी।
3- फ़्रांस की ने 1869 में एक कॉर्सेट (जैकेटनुमा पोशाक) को दो टुकड़ों में काटकर अंडरगार्मेंट्स बनाए थे। बाद में इसका ऊपरी हिस्सा ब्रा की तरह पहना और बेचा जाने लगा।
4- हालांकि पहली ब्रा कहां और कैसे बनी, इसका एक तय जवाब देना मुश्किल है।

Bra Full form In Hindi

फ्रांस में बनी मॉर्डन ब्रा
पहली बार मॉर्डन ब्रा को फ्रांस में बनाया गया था और पहली बार उसे बनाया भी दो कपड़ो के टुकड़ों को काटकर बीच में से जोड़कर तैयार किया गया था. उस समय Brassiere को तोड़कर ब्रा कहा जाने लगा. पहली बार किसने ब्रा बनाई और कैसे बनाई यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन कहा जाता हैं पहली बार ब्रा का आविष्कार फ्रांस में ही हुआ था. (बांडीऊ ब्रा खास कर ये लड़कियों के लिए बनी हुई होती हैं)
ब्रा के बारे में कोई इतिहास नहीं है लेकिन रोमन इतिहासकारों की बात की जाए तो पहले महिलाएं अपने स्तनों को छुपाने के लिए एक कपड़ा बांधती थी और उसके बाद उन कपड़ो को काटकर सिलकर बाँधने लगी और आगे का चलन शायद फ्रांस में हुआ और Brassiere को ब्रा कहा गया. (Bridal Bra or Corset : दुल्हन की सुंदरता बढ़ाने वाले विशेष ब्रा)

1889में आधुनिक ब्रा का अविष्कार हुआ था। विक्टोरियन काल में महिलाएं कोर्सेट पहनती थीं जो एक तरह का जैकेट होता था, जिसे पीछे डोरियों से बहुत ज्यादा कस दिया जाता था।
यह इतना कसा हुआ होता था कि डॉक्टरों ने वॉर्निंग दी थी कि इसके कसे होने के कारण जी घबराना, पेट में गड़बड़ी, सांस फूलने जैसी परेशानी हो सकती है। लंदन के विज्ञान संग्रहालय में जो पुश अप ब्रा रखी हुई है वह 19वीं सदी की शुरुआत में बनाई गई थी। लाइफ पत्रिका के मुताबिक 30 मई 1889 को फ्रांस की हरमिनी काडोले ने आधुनिक ब्रा बनाई। उन्होंने दो पीस का अंडरगारमेंट बनाया था। जिसे कोर्सेलेट जॉर्ज नाम दिया गया।
इसके बाद 1960 के दशक में महिलावादियों यानी फेमिनिस्ट का झंडा बुलंद करने वाली महिलाओं ने ब्रा के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। उनका दावा था कि ब्रा, कृत्रिम पलकें, बालों को घुंघराले करने वाले कर्लर, पुरुषवादी समाज का प्रतीक हैं और स्त्री के दमन का भी। इतना ही नहीं उनका कहना यह भी था कि इनसे महिलाएं सिर्फ सेक्स ऑब्जेक्ट बन जाती हैं। History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi

History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi

स्तनों को छिपाने के लिए
यूनान के इतिहास में ब्रा-जैसे दिखने वाले कपड़ों का चित्रण है। रोमन औरतें स्तनों को छिपाने के लिए छाती वाले हिस्से के चारों तरफ एक कपड़ा बांध लेती थीं। इसके उलट ग्रीक औरतें एक बेल्ट के जरिए वक्षों को उभारने की क़ोशिश किया करती थीं।आज जैसी ब्रा हम दुकानों में देखते हैं, अमरीका में उनका बनना 1930 के लगभग शुरू हुआ था। हालांकि एशिया में ब्रा का ऐसा कोई स्पष्ट इतिहास नहीं मिलता।
ब्रा आने के साथ ही शुरू हो गया था इसका विरोध
मशहूर फ़ैशन मैगज़ीन वोग ने साल 1907 के करीब़ brassiere शब्द को लोकप्रिय बनाने में बड़ी भूमिका निभाई। दिलचस्प बात ये है कि इसके साथ ही ब्रा का विरोध होना भी शुरू हो गया था। ये वही वक़्त था जब महिलावादी संगठनों ने ब्रा पहनने के ख़तरों के प्रति औरतों को आगाह किया था।और उन्हें ऐसे कपड़े पहनने की सलाह दी थी जो उन्हें हर तरह के सामाजिक और राजनीतिक बंधनों से आज़ाद करें।

आधुनिक ब्रा का शुरुआती रूप
साल 1911 में ब्रा शब्द को ऑक्सफ़ोर्ड डिक्शनरी में जोड़ा गया। इसके बाद 1913 में अमेरिका की जानी-मानी सोशलाइट मैरी फ़ेल्प्स ने रेशम के रुमालों और रिबन से अपने लिए ब्रा बनाए और अगले साल इसका पेटेंट भी कराया।मैरी की बनाई ब्रा को आधुनिक ब्रा का शुरुआती रूप माना जा सकता है मगर इसमें कई ख़ामियां थीं। ये स्तनों को सपोर्ट करने के बजाय उन्हें फ़्लैट कर देती थी और सिर्फ एक ही साइज़ में मौज़ूद थी।
जब औरतों ने ब्रा जला दी
इसके बाद 1921 में अमेरिकी डिज़ाइन आइडा रोजेंथल को अलग-अलग कप साइज़ का आइडिया आया और हर तरह के शरीर के लिए ब्रा बनने लगीं। फिर ब्रा के प्रचार-प्रसार का जो दौर शुरू हुआ, वो आज तक थमा नहीं।
साल 1968 में तक़रीबन 400 औरतें मिस अमेरिका ब्यूटी पीजेंट का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुईं। और उन्होंने ब्रा, मेकअप के सामान और हाई हील्स समेत कई दूसरी चीजें एक कूड़ेदान में फेंक दी। जिस कूड़ेदान में ये चीजें फेंकी गईं उसे फ़्रीडम ट्रैश कैन कहा गया। इस विरोध की वजह थी औरतों पर ख़ूबसूरती के पैमानों को थोपा जाना। History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi

नो ब्रा, नो प्रॉबल्म
1- 1960 के दशक में ब्रा बर्निंग औरतों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। हालांकि सचमुच में कुछ ही औरतों ने ब्रा जलाए थे।
2- ये एक सांकेतिक विरोध था। कई महिलाओं ने ब्रा जलाई नहीं मगर विरोध जताने के लिए बिना ब्रा पहने बाहरी निकलीं।
3- साल 2016 में एक बार फिर ब्रा-विरोधी अभियान ने सोशल मीडिया पर ज़ोर पकड़ा।
ये तब हुआ जब 17 साल की कैटलीन जुविक बिना ब्रा के टॉप पहनकर स्कूल चली गईं और उनकी वाइस प्रिसिंपल ने उन्हें बुलाकर ब्रा न पहनने की वजह पूछी।

ब्रा और औरत की सेहत
कैटलीन ने इस घटना का ज़िक्र स्नैपचैट पर किया और उन्हें जबरजदस्त समर्थन मिला। इस तरह नो ब्रा नो प्रॉबल्म मुहिम की शुरुआत हुई। ब्रा के बारे में कई मिथक हैं। हालांकि तमाम रिसर्च के बाद भी ये साफ तौर पर साबित नहीं हो पाया कि ब्रा पहनने से वाक़ई क्या नुक़सान या फ़ायदे हैं।
ब्रा पहनने से ब्रेस्ट कैंसर होने की बातें कहीं जाती रही हैं लेकिन अमेरिकन कैंसर सोसायटी के मुताबिक इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिल पाया है। हां, ये ज़रूर है कि 24 घंटे ब्रा पहनना या ग़लत साइज़ की ब्रा पहनना नुक़सानदेह हो सकता है।
इसलिए डॉक्टर्स ज़रूरत से ज़्यादा टाइट या ढीली ब्रा न पहनने की सलाह देते हैं। साथ ही सोते वक़्त हल्के और ढीले कपड़े पहनने को कहा जाता है। ये भी सच है कि ब्रा महिला के शरीर को मूवमेंट में मदद करती है, ख़ासकर एक्सरसाइज़, खेलकूद या शारीरिक मेहनत वाले कामों के दौरान। History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi

 When And How Did Women Wear Bras

समाज इतना असहज क्यों
ख़ैर, ब्रा को आज महिलाओं के कपड़ों का अनिवार्य हिस्सा बना दिया गया है। हां, ये ज़रूर है कि ब्रा के विरोध में अब दबी-दबी ही सही आवाज़ें सुनाई देने लगी हैं। लेकिन ब्रा के विरोध होने या न होने से बड़ा सवाल ये है कि इसे लेकर समाज इतना असहज क्यों है?
ब्रा के रंग से परेशानी, ब्रा के दिखने से परेशानी, ब्रा के खुले में सुखने से परेशानी और ब्रा शब्द तक से परेशानी। औरत के शरीर और उसके कपड़ों को इस तरह कंट्रोल किए जाने की क़ोशिश आख़िर क्यों? शर्ट, पैंट और बनियान की तरह ब्रा भी एक कपड़ा है। बेहतर होगा कि हम इसे भी एक कपड़े की तरह ही देखें। History Of Bra Origin Evolution And Why Women Wear It Hindi

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