This Is The Reason Why The Eye Blows Scientific Reason Why Eye Starts Twitching in Hindi

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परिचय – आंख क्यों फड़कती है, Aankh Kyon Fadakti Hai

जब भी हमारी कोई आंख फड़कती है तो ज्‍योतिष शास्‍त्र के अनुसार हमारा शरीर हमें संकेत दे रहा है कि हमारे साथ शुभ होने वाला है या अशुभ। ज्‍योतिष के अनुसार हमारे शरीर का हर फड़कता अंग हमें कुछ न कुछ संकेत देने की कोशिश करता है। जब आंख फड़कती है तो ऐसे में या कुछ शुभ होने वाला है या अशुभ।
शुभ और अशुभ स्‍त्री और पुरुष की आंखों के अनुसार मालूम चलता है। जी हां शास्‍त्रों में महिला और पुरुष दोनों के ही अलग अलग पक्ष के आंखों के फड़कने पर ये बात निर्भर करती है कि कौनसे पक्ष की आंख फड़कना महिला और पुरुष के लिए शुभ होता है तो आइए जानते है कौन सी आंख के फड़कने का अर्थ शुभ है और किसका नहीं।

दाएं आंख का फड़कना, बाएं आंख फड़कना

दाएं आंख का फड़कना – सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार दाएं आंख का फड़कना पुरुषों के लिए शुभ माना जाता है जबकि बाएं आंख का फड़कना महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है।
बाएं आंख फड़कना वहीं अगर स्त्रियों की बाएं आंख की पलक और भौंहे फड़के तो उनके लिए यह शुभ माना जाता है लेकिन पुरुषों के लिए स्थिति बिल्कुल उल्टा हो जाती है। पुरुषों की किसी पुराने दुश्मन से लड़ाई हो सकती है या किसी से दुश्मनी बढ़ सकती है।

बाई आंख और निचली पलक का फड़कना

बाई आंख और निचली पलक दाईं आंख की ऊपरी पलक का कान के निकट का भाग अथवा बाईं आंख की निचली पलक के नाक के पास वाला हिस्सा फड़कने से शुभ समाचार प्राप्ति के संकेत हैं।

दाएं आंख की पलक और भौंहों का फड़कना

यदि पुरुषों की दाएं आंख की ऊपरी पलक और भौंहे फड़कती हैं तो माना जाता है कि उनके मन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है और पदोन्नति व धन लाभ होता है परंतु अगर महिलाओं की दाएं आंख की ऊपरी पलक और भौवें फड़के तो उनके लिए ये अशुभ मानी जाती है और उनके सारे काम बिगड़ाने वाली होती हैं।

क्‍या करे महिलाएं जब दायीं आंखे फड़के

महिलाओं के लिए दायीं आंख फड़कना शुभ नहीं मान गया है। अगर महिला के दायी आंख लगातार फड़क रही है तो ऐसे में महिला को रुई या कागज के टुकड़े को आंखों के पलकों पर रख दे ताकि थोड़ी देर बाद आंख फड़कना बंद हो जाएं, पुरुष भी ऐसा कर सकते है।

आईलिड ट्विचिंग (पलकें फड़कना)

क्या कारण हैं और क्या करना है ?  वैज्ञानिक कारण
आई ट्विचिंग जिसे आईलिड ट्विचिंग (पलकें फड़कना) के रूप में भी जाना जाता है, एक बहुत ही सामान्य आंख की स्थिति होती है । ये कष्टप्रद आँखों का फड़कना आमतौर पर केवल एक आँख की निचली पलक को प्रभावित करता है, लेकिन ऊपरी पलक भी फड़क सकती है । आंखों का फड़कना मांसपेशियों का अनैच्छिक संकुचन है। इसका मुख्य कारण तनाव होता है लेकिन इसके कई और भी कारण जैसे आंखों पर दबाव, थकान, सूखी आंखे आदि भी है। इसके अलावा नींद की कमी, कैफीन या शराब आदि का ज्यादा सेवन, कम रोशनी या कंप्यूटर के आगे देर तक काम करने से भी आंख फड़कने लगती हैं। ज्यादातर आई ट्वीच लंबे समय तक प्रभावित नहीं करते हैं, लेकिन कभी-कभी एक आँख का फड़कना हफ्तों या महीनों तक भी रह सकता है। लगभग सभी आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) हानिरहित है । लेकिन अगर एक आँख का फड़कना लगातार जारी रहता है, तो यह एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति का संकेत दे सकता है जिसे एक नेत्र चिकित्सक द्वारा निदान और इलाज किया जाना चाहिए ।

कारण – आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) का क्या कारण होता है ?

आंखों के हिलने/फड़कने के ट्रिगरस (आरंभ) में शामिल हो सकते हैं जैसे कि
1- तनाव
2- थकान
3- आंख पर जोर
4- कैफीन
5- शराब का सेवन
6- शुष्क आंखें
7- पोषण की समस्या
8- एलर्जी
कभी-कभी, बस अपने आहार और जीवनशैली में मामूली बदलाव करने से आपकी आंखों के हिलने/फड़कने के खतरे को कम किया जा सकता है या आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) समस्या को गायब यानि ठीक करने में मदद मिल सकती है ।

आंख क्यों हिलती / फड़कती हैं – इसके बारे में क्या कर सकते हैं ?

  • तनाव :  तनाव शायद आंखों के हिलने/फड़कने का सबसे आम कारण है । योग, साँस लेने के व्यायाम, दोस्तों या पालतू पशुओं के साथ समय बिताना और अपने शेड्यूल में अधिक ब्रेक लेना आदि तनाव को कम करने के तरीके हैं, जिनके न करने पर आपकी आई ट्विचिंग (आँखो का हिलने/फड़कने) का कारण बन सकते हैं ।
  • थकान : नींद का कम आना, चाहे तनाव की वजह से हो या किसी और कारण से, आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) को ट्रिगर कर सकता है । हर रात लगातार 6 से 8 घंटे तक नींद लेने से बहुत मदद मिल सकती है ।
  • आँख का तनाव : आई स्ट्रेन – (डिज़िटल आई स्ट्रेन) कंप्यूटर, टैबलेट और स्मार्टफ़ोन के अधिक प्रयोग से – आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) भी एक आम कारण हो सकता है ।

अपने डिजिटल उपकरणों से नियमित रूप से ब्रेक लेने से थकान कम हो जाती है, ब्रेक न लेने पर आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) शुरू कर सकती है । हर 20 मिनट में, अपनी स्क्रीन से दूर देखें और अपनी आँखों को 20 सेकंड या उससे अधिक समय तक दूर की वस्तु देखने पर अपना ध्यान केंद्रित करे।
इसके अलावा, डिज़िटल आई स्ट्रेन को राहत देने के लिए अपने नेत्र चिकित्सक से कम्प्युटर आई ग्लासेस/ आईवियर के प्रयोग के बारे में सलाह ले ।

  • कैफीन : बहुत ज्यादा कैफीन का इस्तेमाल करना आंख के हिलने/फड़कना काफी बढ़ावा कर सकता है । एक-दो सप्ताह के लिए – कॉफी, चाय, चॉकलेट और शीतल पेय की मात्रा को कम करने का भरसक प्रयास करें (या डिकैफ़िनेटेड वर्शन की तरफ जाए) और देखें कि क्या आपकी आंख का हिलना/फड़कना समाप्त हो रहा है या समाप्त हो गया है ।
  • शराब का सेवन : यदि आप बीयर, वाइन या शराब पीने के बाद आंख हिलने/फड़कने का अनुभव करते हैं, तो थोड़ी दिनों के लिए रुक जाएं और आपकी आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) बंद हो सकता है ।
  • शुष्क आंखें ( ड्राई आईज) : कई वयस्क शुष्क आंखें ( ड्राई आईज) का अनुभव करते हैं, जिससे आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) आरंभ हो सकता है । शुष्क आंखें 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में होना आम बात है और जो कंप्यूटर का उपयोग करते हैं, कुछ जो दवाएं लेते हैं (उदाहरण के लिए एंटीहिस्टामाइनस या एंटीडिप्रेस्सेन्टस), कांटैक्ट लेंस पहनते हैं और कैफीन और / या शराब का प्रयोग करते हैं ।

यदि आईलिड ट्विचिंग (पलकें फड़कना) की शिकायत होती है और/या आप आपकी आंखें किरकिरापन या शुष्क महसूस करते हैं, तो आप अपनी शुष्क आंखों के उपचार के लिए अपने नेत्र चिकित्सक संपर्क स्थापित करें । आपकी आंख की सतह को नमी को सुधारके आँखो का हिलना/फड़कना बंद हो सकता है और भविष्य के लिए खतरा कम हो सकता है ।

  • पोषण की समस्या : कुछ रिपोर्टें में सुझाया गया है कि पोषक तत्वों की कमी ,जैसे कि मैग्नीशियम, पलक की ऐंठन को ट्रिगर कर सकता है ।

यदि आप चिंतित हैं कि आपका आहार आपके लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों की आपूर्ति नहीं कर रहा है, तो आप अपने परिवार के डॉक्टर के साथ इस मुद्दे को उठाएं और विचार-विमर्श करें । पोषण संबंधी उत्पादों को बेतरतीब ढंग से खरीदने की तुलना में विशेषज्ञों की सलाह ज्यादा बेहतर है ।

  • एलर्जी : एलर्जी आँखों में खुजली, सूजन और आंखों में पानी आने का कारण हो सकती है । जब आँखों को मसला या रगड़ा जाता है, तो यह हिस्टामाइन को पलक के सतहों (टिस्सूज़) और आँसू के रूप में छोड़ देता है, जिससे आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) हो सकता है ।

एलर्जी के कारण होने वाली आंखों की समस्या को रोकने के लिए, कुछ नेत्र चिकित्सक एंटीहिस्टामाइन आई ड्रॉप या गोलियों की सलाह देते हैं, लेकिन एंटीथिस्टेमाइंस भी आंखें में शुष्कता की शिकायत पैदा कर सकता है । अपने नेत्र चिकित्सक से परामर्श करें कि आपकी आई ट्विचिंग (आँखो का हिलना/फड़कना) की समस्या को खत्म करने के लिए कौन सा उपचार सबसे अच्छा है।

आंख का फड़कना कैसे रोके

1- मसाज से आँखों को आराम पहुंचायें
2- पलकों को 30 सेकेण्ड्स तक झपकायें
3- जोर-जोर से पलकें झपकाने से शुरू करें
4- अपने आँखों को अर्ध-खुली अवस्था में लायें
5- कैफीन तथा अन्य स्टिम्युलेंट्स का सेवन कम करें
6- हाइड्रेटेड बने रहें – प्रतिदिन 8 से 10 गिलास पानी पीने का लक्ष्य निर्धारित करें
7- ज्यादा नींद लें
ज्यादातर मामलों में, आँखो का हिलना/फड़कना एक अस्थायी रोग है । यदि आँखों में हिलना/फड़कना जारी रहती है, तो अपने नेत्र चिकित्सक से संपर्क करें और वह आपको सबसे अच्छा उपचार की सलाह दे सकता है ।
यदि आँखो का हिलना/फड़कना या असामान्य हरकत आपके आधे चेहरे के साथ-साथ आपकी पलक को भी प्रभावित करता है, या यदि दोनों पलकें इतनी सुशक्त हो जाती हैं जिसके कारण आपकी अपनी आंखें खोलने में परेशानी हो रही हो तो ये एक गंभीर स्थिति के संकेत हो सकते हैं । अत: अपने नेत्र चिकित्सक से शीघ्रा-ति-शीघ्र संपर्क करें और अपनी नेत्रों को दिखाएं ।

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