Ravan ke dus sir

रावण के दस सिर का मतलब, Ravan In Hindi, Ravan Name, रावण के 10 नाम कौन-कौन से हैं, रावण के कितने नाम थे, रावण के सिर पर गधे का सिर क्यों है, रावण के नाम, रावण कैसे बना दशानन, लंकापति रावण, दशानन का अर्थ, Ravan Ke 10 Sir Ka Matlab, Ravan Ke Naam, Ravan Ke Sir Par Gadhe Ka Sir Kyo Hai, Dashanan Meaning, दशानन से जुड़ी 9 मणियों की कहानी

रावण के दस सिर का मतलब, Ravan In Hindi, Ravan Name, रावण के 10 नाम कौन-कौन से हैं, रावण के कितने नाम थे, रावण के सिर पर गधे का सिर क्यों है, रावण के नाम, रावण कैसे बना दशानन, लंकापति रावण, दशानन का अर्थ, Ravan Ke 10 Sir Ka Matlab, Ravan Ke Naam, Ravan Ke Sir Par Gadhe Ka Sir Kyo Hai, Dashanan Meaning, दशानन से जुड़ी 9 मणियों की कहानी

रावण के कितने नाम थे
दशानन, लंकेश, लंकापति, दशग्रीव
रावण के दस सिर का मतलब
रावण को दस मुख यानी 10 सिर वाला भी कहा जाता है और यही कारण है कि उसको दशानन कहा जाता है. साहित्यिक किताबों और रामायण में उनको 10 सिर और 20 भुजाओं के रूप में दर्शाया गया है.  रावण, मुनि विश्वेश्रवा और कैकसी के चार बच्चों में सबसे बड़ा पुत्र था. उनकों छह शास्त्रों और चारों वेदों का भी ज्ञान था. इसलिए ऐसा माना जाता है कि वह अपने समय का सबसे विद्वान था. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि रावण के दस सिर आखिर किस बात का प्रतीक हैं.

रावण के दस सिर किस बात का प्रतीक हैं
कहा जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रावण ने वर्षों तक कठोर तप किया लेकिन भगवान शिव प्रसन्न नहीं हुए। इसके बाद रावण ने भगवान शिव को अपना सिर अर्पित करने का निर्णय लिया। भगवान शिव की भक्ति में लीन रावण ने अपना सिर काटकर भोलेनाथ को अर्पित कर दिया, लेकिन उसकी मृत्यु नहीं हुई। उसकी जगह दूसरा सिर आ गया। ऐसे एक-एक करके रावण ने अपने 9 सिर भगवान शिव को ​अर्पित कर दिए। जब 10वीं बार उसने अपना सिर भगवान को अर्पित करना चाहता तभी भगवान शिव वहां प्रकट हो गए। वे रावण की भक्ति से काफी प्रसन्न हुए और उससे वरदान मांगने को कहा। इस पर रावण ने अमरता का वरदान माँगा पर शिव ने निश्चित रूप से मना कर दिया, लेकिन उन्हें अमरता का आकाशीय अमृत प्रदान किया, जिसे हम सभी जानते हैं कि उनके नाभि के तहत संग्रहीत किया गया था। और यही कारण है कि रावण को भगवान शिव का परम भक्त कहा जाता है।
भारतीय पौराणिक कथाओं को समझना काफी मुश्किल है, ये कथाएँ एक और कहानी को दर्शाती है और दूसरी तरफ उन कहानियों के पीछे गहरा अर्थ छिपा होता है। रावण के 10 सिर के 10 अर्थ हैं या ये कहें कि वे 10 बुराइयों के प्रतीक माने जाते हैं। पहला काम, दूसरा क्रोध, तीसरा लोभ, चौथा मोह, पांचवां मादा (गौरव), छठां ईर्ष्या, सातवां मन, आठवां ज्ञान, नौवां चित्त और दसवां अहंकार।

रावण से जुड़ी ये बातें भी जानें-
1. दशानन ने अपने तप से न केवल ब्रह्मा और शिव को प्रसन्न किया बल्कि वह वेदों का ज्ञाता भी था परंतु उस प्रकांड ज्ञानी के सारे गुण उसके अहंकार के आगे गौण होकर उसके अंत का कारण बने। आइए जानें, लंकापति रावण से संबंधित कुछ रहस्यमयी बातें।
2. रावण को रंभा नामक अप्सरा से श्राप मिला था कि वह किसी भी स्त्री से उसकी मर्जी के बिना संबंध बनाएगा तो उसके सिर के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे और उसकी मृत्यु हो जाएगी। जिसके कारण रावण ने कभी भी माता सीता के साथ बल का प्रयोग नहीं किया।
3. रावण एक ऋषि पिता और राक्षसी माता का पुत्र था। जन्म के समय रावण बहुत डरावना था। इनके पिता प्रथम बार देखने पर डर गए थे।
4. रावण के सिर पर गधे का सिर क्यों है – वाल्मीकि रामायण में वर्णन है कि रावण के रथ में घोड़े नहीं अपितु गधे जुते हुए थे।
5. कहा जाता है कि रावण ने देवलोक की विजय के पश्चात यमलोक में आक्रमण किया था। ब्रह्मा जी के वरदान के कारण रावण ने यमराज को पराजित करके यमलोक में विजय प्राप्त की थी और नर्क भोग रही आत्माओं को अपनी सेना में सम्मिलित कर लिया था।
6. धन के देवता कुबेर रावण के सौतेले भाई थे। रावण ने कुबेर से युद्ध करके लंका पर अधिकार कर लिया था। रावण ने कुबेर के सिर पर प्रहार करके उसे घायल कर दिया और ताकत से उसका पुष्पक विमान ले लिया था।
7. रावण ज्योतिष का बहुत ज्ञान था। उन्होंने अपने पुत्र को अजय बनाने हेतु नवग्रहों को आदेश दिया था कि वह मेघनाथ की कंडंली में सही बैठें। शनिदेव ने जब उनकी बात नहीं मानी तो रावण ने उन्हें बंदी बना लिया था।
8. रावण के दरबार से बाहर सभी देवता और द‌िग्पाल हाथ जोड़कर खड़े रहते थे। हनुमान जी जब लंका गए थे तो उन्होंने उन्हें रावण के बंधन से मुक्ति दिलाई थी।
9. रावण की अशोक वाटिका में एक लाख से अधिक अशोक के वृक्ष थे। इसके अतिरिक्त द‌िव्य पुष्प और फलों के पेड़ भी थे। कहा जाता है कि यहीं से राम भक्त हनुमान आम लेकर भारत आए थे।
रावण की नाभि में अमृत था जिसके कारण उसका एक सिर कटने के पश्चात दूसरा सिर आ जाता था और वह जीवित हो जाता था।

क्या सच में रावण के दस सिर थे
इसी तरह जैन शास्त्रों में रावण से जुड़े कई पहलू पता चलते हैं, इनमें रावण के दस सिर से जुड़ी हुई एक मान्यता भी है, इसके अनुसार रावण के असल में दस सिर नहीं थे बल्कि लोगों के बीच अपनी आराधना कराने के लिए रावण ने लोगों के मन में एक भ्रम डाल दिया था, जिससे लोगों को लगे कि किसी देवता या किसी चमत्कारी व्यक्ति की तरह उसके पास दिव्य शक्ति है।
जैन शास्त्रों में लिखी है मणि है 9 मणियों की कहानी
जैन शास्त्रों के अनुसार रावण के दस सिर नहीं थे बल्कि वह दस सिर होने का भ्रम पैदा कर देता था इसी कारण लोग उसे ‘दशानन’ कहते थे। जैन शास्त्रों में उल्लेख है कि रावण के गले में बड़ी-बड़ी गोलाकार नौ मणियां होती थीं। उक्त नौ मणियों में उसका सिर दिखाई देता था जिसके कारण उसके दस सिर होने का भ्रम होता था। मान्यता अनुसार रावण कभी भी उस मणि को अपने से अलग नहीं करता था, इसी वजह से लोगों को लगता था कि रावण के दस सिर है। उस समय लंका के लोगों के मन में इस वजह से भी रावण को लेकर बहुत भय था।

रावण के दस सिर का मतलब, Ravan In Hindi, Ravan Name, रावण के 10 नाम कौन-कौन से हैं, रावण के कितने नाम थे, रावण के सिर पर गधे का सिर क्यों है, रावण के नाम, रावण कैसे बना दशानन, लंकापति रावण, दशानन का अर्थ, Ravan Ke 10 Sir Ka Matlab, Ravan Ke Naam, Ravan Ke Sir Par Gadhe Ka Sir Kyo Hai, Dashanan Meaning, दशानन से जुड़ी 9 मणियों की कहानी

ये भी पढ़े –

  1. 16 सोमवार व्रत विधि, 16 Somvar Vrat Vidhi In Hindi, 16 सोमवार व्रत कब से शुरू करें, सोलह सोमवार व्रत.
  2. नींद आने का मंत्र, Neend Aane Ka Mantr, जल्दी नींद आने का मंत्र, Jaldi Neend Aane Ka Mantra.
  3. बुध अष्टमी का व्रत कैसे करें, बुध अष्टमी व्रत पूजा विधि, बुधाष्टमी व्रत कथा, बुधाष्टमी पूजा मंत्र, बुधाष्टमी व्रत.
  4. बच्चों के नये नाम की लिस्ट, बेबी नाम लिस्ट, बच्चों के नाम की लिस्ट, हिंदी नाम लिस्ट, बच्चों के प्रभावशाली नाम.
  5. सामवेद क्या है, सामवेद में कितने मंत्र है, सामवेद संहिता, सामवेद पाठ, सामवेद का महत्व.
  6. शुक्ल पक्ष का अर्थ, कृष्ण पक्ष का अर्थ, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष किसे कहते हैं, एक महीने में कितने पक्ष होते हैं?.
  7. सोमवार व्रत कैसे करें, सोमवार व्रत पूजन विधि नियम कथा आरती, प्रति सोमवार व्रत विधि, सोमवार व्रत.
  8. Hanuman Ji Ke 12 Naam, हनुमान जी के 12 नाम, श्री हनुमान जी के 12 नाम, हनुमान जी के 12 नाम का मंत्र.
  9. न्यूरोबियान फोर्ट टेबलेट किस काम आती है, न्यूरोबिन Forte, Neurobion Forte Tablet Uses in Hindi, Neurobion Forte.
  10. मां गौरी चालीसा, Maa Gauri Chalisa, मां गौरी चालीसा का लाभ, Mata Gauri Chalisa Ka Laabh.